मरुप्रदेश-एक मिशन

जब राजस्थान बन रहा था तब जोधपुर और बीकानेर स्टेट ने राजस्थान विलय का पुरजोर विरोध किया था और ये दोनों स्टेट मरुप्रदेश बनाने के पक्ष में थे। इतिहास में यहां तक कहते है कि राजस्थान में विलय के विरोध में तत्कालीन जोधपुर महाराजा हनुवंत सिंह जी पहली लोकसभा में काली पगड़ी पहनकर गए थे फिर वर्ष 1953 में श्रीमान प्रताप सिंह जी पूर्व मंत्री बीकानेर स्टेट ने राजस्थान विलय के विरोध व मरुप्रदेश बनाने के लिए बीकानेर बंद का आह्वान किया था। 1956 में जब नए राज्य बने उस समय अनेको ज्ञापन भी दिए और सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा का हवाला देकर अनदेखी कर दी। मरुप्रदेश के लिए समय समय पर अलग अलग हिस्सों में आवाजे उठती रही।

पूर्व सांसद स्वामी केशवानंद जी ने आवाज ही नही अपितू अपनी "मरुभूमि सेवा" नामक पुस्तक में भी लिखा कि इस मरुभूमि का सम्पूर्ण विकास तभी होगा जब ये मरुप्रदेश अलग राज्य बनेगा। तत्कालिन समय में स्व.गुमानमल लोढ़ा जी ने जोधपुर में इस आंदोलन को चलाया उसके बाद सरकार ने उन्हें जस्टिश बना दिया और फिर पाली से सांसद भी बने। सन 1998 में जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह जी ने भी कहा ....  Read More

मरुप्रदेश की आवश्यकता क्यों..?

बड़ी मांग पर लाखों लोगों की निगाह: सम्रद्ध प्रदेश की चाह से होगा विकास

प्रशासनिक नजरिये से बेहतर प्रबंधन

मरुप्रदेश निर्माण की सबसे बड़ी आवश्यकता प्रशासनिक नजरिये से बेहतर प्रबंधन की है। गांव के लोग जिला प्रशासन और प्रशासन गांव ...

विकास में भेदभाव

मरुप्रदेश के संभावित जिलों में विकास में भी भेदभाव हुआ है। भारत सरकार की वर्ष 2007-08 व हालिया रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि राजस्थान..

पर्यटन क्षेत्रों के साथ दुर्व्यवहार-

राजस्थान में कोई भी सरकार बन जाए वो सिर्फ जयपुर,उदयपुर,कोटा,अजमेर आदि जिलों के सौंदर्यीकरण व पर्यटन पर ध्यान देती है।

राष्ट्र की सुरक्षा में अहम भूमिका

मरुप्रदेश की मांग विशुद्ध रूप से राष्ट्र की जरूरत के मुताबिक जहां राष्ट्र की सीमा पर एक सम्रद्ध राज्य बनाना है। मरुप्रदेश देश की सुरक्षा में

मरुप्रदेश के हिस्से में सरकारों की बेरुखी

जयपुर से निकलने वाली चौमू पुलिया से ही मरुप्रदेश के साथ भेदभाव शुरु हो जाते है। राजस्थान में कोई उधोगपति उधोग लगाना चाहता है तो

सैनिक प्रदेश होने के बावजूद दुर्व्यवहार

जब भी भारत माता पर कोई दुश्मनों का खतरा आता है तब देश का हर चौथा शहीद मरुप्रदेश का होता है। देश के सर्वाधिक बहादुर नोजवान देने में

मूलभूत सुविधाओं को मोहताज गांव

मरुप्रदेश के शहर व गांव शेष राजस्थान के शहर व गांवों की तुलना में पिछड़े व सम्पूर्ण सामाजिक सरंचना यानि सड़क,बिजली,पानी,अस्पताल,

गरीबी व रोजगार की जरुरत

मरुप्रदेश के जिलों की पौने तीन करोड़ की जनता में से 68.85 लाख गरीब वो है जो रोजाना सरकारी आकड़ो के मुताबिक 35 ₹ से कम आमदनी करते है।

बढ़ता अपराध व नशाखोरी

राजस्थान के बड़े होने व कई किमी.लंबे थानाक्षेत्र होने की वजह से प्रशासनिक पकड़ कमजोर रही है जिस वजह से आज पूरे राजस्थान में माफियां

मरुप्रदेश कार्यकारिणी

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